आज तख्ते पर पलट एक तस्वीर गिरी नजर आई. आज तख्ते पर पलट एक तस्वीर गिरी नजर आई.
वो बचपन के दिन बड़े सुहाने थे जब हम कार्टून नेटवर्क के बड़े दीवाने थे। वो बचपन के दिन बड़े सुहाने थे जब हम कार्टून नेटवर्क के बड़े दीवाने थे।
मां कहती है मैं थी नटखट। भोली सूरत तेज़ दिमाग। मां कहती है मैं थी नटखट। भोली सूरत तेज़ दिमाग।
रह रह कर याद आती है उलटी सीधी बातें ए बचपन कैसे भूलूँ तेरी खट्टी मीठी यादें ! रह रह कर याद आती है उलटी सीधी बातें ए बचपन कैसे भूलूँ तेरी खट्टी मीठी यादें ...
वो टीचर के जाते ही खूब हल्ला मचाना और उनकी नकल निकाल कर क्लास को दिखाना। वो टीचर के जाते ही खूब हल्ला मचाना और उनकी नकल निकाल कर क्लास को दिखाना।
बचपन की गलियां नन्हे-नन्हे लड़खड़ाते कदमों से गुज़रते थे जहां, बचपन की गलियां नन्हे-नन्हे लड़खड़ाते कदमों से गुज़रते थे जहां,